दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कहां जाता है की भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे और उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दिए जलाए थे और खुशियां बांटी थी तब से लेकर आज तक यह परंपरा चलती आ रही है दिवाली के त्यौहार का इंतजार लोगों को पूरे वर्ष रहता है इस दिन लोग अपने सगे संबंधियों के साथ मिलकर इस त्यौहार का मजा लेते हैं। इस दिन भारत के कोने कोने में त्यौहार का जश्न मनाया जाता है लेकिन आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा गांव भी है जहां पर इस त्यौहार को नहीं मनाया जाता।
जी हां हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक सम्मू म का गांव है जहां पर दीपावली का त्यौहार नहीं मनाया जाता इस त्यौहार के दिन यह गांव बिल्कुल सुनसान रहता है लेकिन हां रात के समय घी के दीए जलाए जाते हैं। पूरा दिन इस गांव में सन्नाटा पसरा रहता है।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह गांव श्रापित है दिवाली के दिन अगर इस त्यौहार को मनाया जाता है तो इनके गांव में किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है।
इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही ऐसा चला आ रहा है। उनका कहना है कि सम्मू गांव किसी तरह के शराब से बंधा हुआ है जब भी यहां पर दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है तब तब गांव में किसी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।
उनका कहना है कि कई वर्षों पहले जब भारत में अंग्रेजों का राज था इस गांव में एक दंपति रहा करते थे। पति अंग्रेजों की सेना में सैनिक था और पत्नी गृहिणी थी।
लोगों का कहना है की ड्यूटी के समय उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। और इस बात से बेखबर उसकी पत्नी जो की गर्भवती थी वह अपने मायके की ओर जा रही थी दिवाली का त्यौहार था इसलिए चारों और खुशी का माहौल था लेकिन जब भी रास्ते में जा रही थी तब उसने देखा कि गांव वाले उसके पति के शव को लेकर जा रहे हैं यह देखकर वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और वह अपने पति के साथ ही सती हो गई।
और जाते-जाते वह गांव वालों को शराब दे गई कि वह कभी भी दिवाली का त्यौहार खुशी से नहीं मना पाएंगे और तब से लेकर आज तक यह श्रॉफ इस गांव में चला हुआ है।
वालों ने इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए कई कोशिशें की लेकिन वह कभी भी इस शराब को हटा नहीं पाए कई टोने टोटके किए गए लेकिन कोई फायदा ना हुआ वे लोग आज तक दिवाली का त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं
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