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एक तरफ चुनाव और दूसरी तरफ इस दिग्गज नेता का देहांत, शोक में डूबा हिमाचल

 


जीएस बाली की आकस्मिक मृत्यु हो जाने से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है आपको बता दें कि गुरमुख सिंह बाली कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे जोकि नगरोटा बगवां से विधानसभा के सदस्य थे इनका जन्म 27 जुलाई 1954 को हुआ था और आज 30 अक्टूबर के दिन उनका देहांत हो गया।  पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार थे बाली ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया था। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का शासन था तब बाली विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री के पद पर विराजमान रहे फिर चाहे वह ट्रांसपोर्ट सेक्टर हो फूड सेक्टर सिविल सप्लाई सेक्टर कंज्यूमर अफेयर सेक्टर या टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर, बाली ने बहुत ही अच्छे ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्रदेश की जनता के लिए अच्छे काम किए। बाली ने अपने जीवन काल में कभी गलत का साथ नहीं दिया फिर चाहे वह अपनी ही पार्टी के लिए गए फैसले ही क्यों ना हो। कहा जाता है कि बाली अपनी बात मनवाने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी से भी लड़ जाया करते थे। इसी के साथ में कांग्रेस की तरफ से हिमाचल में मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे। बाली ने अपने जीवन काल में बहुत से बड़े बड़े काम किए हैं। बाली ने हिमाचल नागरिक सुधार सभा की स्थापना की वे हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन के पहले वाइस चेयरमैन फिर चेयरमैन भी रहे। 1990 से लेकर 1997 तक बाली कांग्रेस विचार मंच के प्रवक्ता भी रहे। 1993 से लेकर 1998 तक वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह सचिव भी रहे। आज 30 अक्टूबर के दिन एम्स दिल्ली में किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के बाद की जटिलताओं के चलते 67 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ कर चले गए

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